वर्षा हुई बूढ़ी, आया भादौं का महीना। वर्षा हुई बूढ़ी, आया भादौं का महीना।
जाड़े की आहट , आने लगी है । फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है। जाड़े की आहट , आने लगी है । फिजां में मोहब्बत, छाने लगी है।
उपवन सजे हैं रंग - बिरंगे, रंग - बिरंगे ऊनी कपड़े। उपवन सजे हैं रंग - बिरंगे, रंग - बिरंगे ऊनी कपड़े।
आज शरद ऋतु का चाँद उतर आया है मेरें आँगन में। आज शरद ऋतु का चाँद उतर आया है मेरें आँगन में।
कविता पढ़ें और महसूस करें... कविता पढ़ें और महसूस करें...
सैया अब तो भरा दो रजाई, बड़ी सुहावन ठंडी आई। सैया अब तो भरा दो रजाई, बड़ी सुहावन ठंडी आई।